संकट-मोचन हनुमान फ़ाउंडेशन
संकट-मोचन हनुमान फ़ाउंडेशन आज देश दुनियाँ जिस तरह से विकसित हो रही है और आगे बढ़ रही है , वैसे-वैसे उसके सामने दिनोंदिन अधिक संकट उपस्थित होते जा रहे हैं अर्थात् पहले की तुलना में आज व्यक्ति अधिक संकटग्रस्त हो रहा है या अपने को अधिक संकटग्रस्त होने का अनुभव कर रहा है , इसलिए पहले की तुलना में आज समाज में संकट-मोचक की आवश्यकता अधिक अनुभव की जा रही है। इधर राजनैतिक परिदृश्य में जो हमारे राजनेता हैं , उनमें से अधिकांश अपने को संकट-मोचक के रूप में उपस्थित करने में भी लग गये हैं , जबकि कोई सामान्य मनुष्य भला संकट-मोचक कैसे हो सकता है, ऐसी स्थिति उनकी न कभी थी और न है। हमारी परंपरा में संकटमोचक श्री हनुमान जी नायक के रूप में रहे हैं , नेता के रूप में नहीं , आज समाज में से नायक लगभग ग़ायब हैं, हमें इस संकट मोचन फ़ाउंडेशन के माध्यम से नायकों और नायकत्व की पुनर्स्थापना करनी है या हम पुन:स्थापना करना चाहते हैं। श्री हनुमान जी महाराज हमारी परम्परा में परम संरक्षक और परम सेवक के रूप में भी स्थापित हैं। हमारी परंपरा में जो श्री हनुमान जी का उल्लेख आता है , उसमें श्री राम-हनुमान स